... हर फूल में यारों खुश्बू नहीं होती,
एहसास करने वालों में तज़ुर्बा खोजिए !
हर पत्थर से शीशा नही टूटता,
प्रहार करने के लिए जज्बा खोजिए !
प्रहार करने के लिए जज्बा खोजिए !
हर बात में आपकी ज़िन्दादिली झलके,
बात कुछ ऐसा अजूबा कीजिए !
हर रोज़ दिखता है यहाँ नया-सा,
रोज़ यहाँ इक नया समां खोजिए !
हर दीपक हमेशा पर जल नहीं सकता,
दीपक बुझाइये, फिर सोचा कीजिए !
- "प्रसून"
1 comment:
हर शेर ख़ुद में सुंदर है ,बधाई एक खूबसूरत रचना के लिए
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