उफ़ ! तेरी ये नशीली आंखें
और बरौनियों का मायाजाल
उलझकर उसमे हर बार
हुई हैं कई ज़िन्दगियां निहाल।
इन गेशुओं के साए में
हमने दुनिया पायी है
तेरी खामोश पलकों के पीछे
दिल की इक ख्वाहिश छुपायी है।
अब तो मिसाल देते हैं सब
तेरे होंठों की कशिश की
याद आती है जब वो नरमी
तेरी मौजूदगी में तपिश की।
कई दिल धड़क जाते हैं
बस तेरी आहट पाकर
रोम- रोम में जगती है उल्फत
ग़र साँसों की राहत पाकर।
तेरी हर निगाह हम आशिकों में
मुहब्बत का आगाज़ करती है
इक लफ्ज़ की भी तेरी निदा
सोयी धड़कनों पर आवाज़ करती है।
तेरी हर शोख अदा का
नक्श उभरा है हर चेहरे पर
जाने कितनी परियाँ मंडराती हैं
महज़ इस खूबसूरती के पहरे पर।
कितनों की नींदें उड़ा देना
अब तेरी अदाओं में शुमार है
अब तेरी अदाओं में शुमार है
तेरे चाहने वाले शायद ही कम हों
क्यूँकि फुर्सत में आशिक बेशुमार हैं।
'ग़र तू किसी को मिले, ना मिले
इश्क के मारों की बस इतनी-सी दुआ है
अमानत ना खोना कभी अपनी नज़र में
इसी को कहते सब अंजाम-ए- वफ़ा हैं
- "प्रसून"
2 comments:
wow what a hot photo of jolie...
prasoon ji apane achhi kavitayen likhin han.
shyam narain kundan
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