तेरी भावनाओं को जब कोई ठेस लगाए
अपने अन्दर तुम मुझे याद कर लेना !
तुम मत समझना कभी मेरी आहों को
मत सुनना कभी मेरी धड़कन की आवाज़
अपनी अदाओं के साथ बस तुम उड़ान भरना
गम ना करना कहाँ गया मेरा परवाज़ !
आँखों में तेरी किसी का सपना छाने लगे
ख्वाब देखना ही जब तुम्हें रास आने लगे,
यूँ तो ये अंदाज़ तुम्हें पसंद ना था, पर
ऐसे ही ख्वाबों में अपना कुछ वक़्त बरबाद कर लेना,
तेरी भावनाओं को जब कोई ठेस लगाए
अपने अन्दर तुम मुझे याद कर लेना !
अपनी प्रेम बगिया कि अँधेर मादकता में
बस, ख्याल रखना पास के जुगनुओं की भीड़ का,
भूल जाना इस पागल पंछी की कोरी नादानियों को
सोचना नहीं, क्यों बिखरा है तिनका-तिनका उसके नीड़ का !
तेरी अनोखी उल्फत पर जब कोई बेवजह प्रश्न करे
प्रेम-प्रसंग पर जब तेरे कोई व्यंग्य-जश्न करे
ना समझे प्यार करने की तेरी किसी अदा को, तब
मेरे बिखरे तिनकों से ही अपनी दुनिया आबाद कर लेना,
तेरी भावनाओं को जब कोई ठेस लगाए
अपने अन्दर तुम मुझे याद कर लेना !
मुहब्बत तेरी जब ख़ूब मायूस हो जाये
हर तरफ दिखे तुम्हें सिर्फ और सिर्फ वीराना
अपनी अंतरात्मा की आवाज़ को तब आने देना बाहर
सोचना, अब भी भटक रह होगा कोई पागल दीवाना,
जब तक किसी के दावों में कोई दम ना लगे
जुस्त-जू रहे जारी जब तक अपना कोई एकदम ना लगे
रंजो-अफ़सोस से दिल को कभी दर्द ना देना
अपनी नायाब सोच पर ही खुद को दिलशाद कर लेना !
तेरी भावनाओं को जब कोई ठेस लगाए
अपने अन्दर तुम मुझे याद कर लेना ,
अपने अन्दर तुम मुझे याद कर लेना...!
- "प्रसून"
1 comment:
apne andar tum mujhe yaad kar lena
bahut achha hai
masoomshayer
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