Thursday 2 August 2007

फूल

हसीनों
ने लगवाया जूड़े में

किसी ने सजा दिया
कईयों ने जवानों को
तोहफा दे दिया !
काँटों संग हुआ
हर बार सम्भोग
ज़्यादा ने किया
हरदम ही दुरुपयोग !
मसल दिया किसी ने
पंखुरियों को ऐसे दिन-दहाड़े बलात्कार
हो जाता है जैसे...!

- "प्रसून"

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